Tuesday, March 25, 2014

ब्राह्मण उत्पत्ति एवं उनके गोत्र - शाश्वत शुक्ला(दतिया)

भविष्य पुराण मं ब्राम्हणां के गोत्रों का उल्लेख मिलता है जो कि निम्नलिखित हैं.प्राचीन काल मं महर्षि कश्यप के पुत्र कण्वकी आर्यावनी नाम की देवकन्या पत्नी हुई। इन्द्रकी आज्ञासे दोनों कुरुक्षेत्रवासिनी सरस्वती नदी के तट पर गये और कण्व चतुर्वेदमय सूक्तों में सरस्वती देवी की स्तुति करने लगे। एक वर्ष बीत जाने पर वह देवी प्रसन्न हो वहां आयीं और आर्यों की समृद्धि के लिये उन्हंे वरदान दिया। वर के प्रभाव कण्व के आर्य बुद्धिवाले दस पुत्र हुए - उपाध्याय, दीक्षित, पाठक, शुक्ला, मिश्रा, अग्निहोत्री, द्विवेदी, त्रिवेदी, पाण्डय और चतुर्वेदी । इन लोगांे का जैसा नाम था वैसा ही गुण। इन लोगांे ने नतमस्तक हो सरस्वती देवी को प्रसन्न किया। बारह वर्ष की अवस्था वाले उन लोगांे को भक्तवत्सला शारदादेवी ने अपनी कन्याएंे प्रदान की। वे क्रमशः उपाध्यायी, दीक्षिता, पाठकी, शुक्लिका, मिश्राणी, अग्निहोत्रिधी, द्विवेदिनी, त्रिवेदिनी पाण्ड्यायनी और चतुर्वेदिनी कहलायीं। फिर उन कन्याओं के भी अपने-अपने पति से सोलह-सोलह पुत्र हुए हैं वे सब गोत्रकार हुए जिनका नाम इस - कष्यप, भरद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्रि वसिष्ठ, वत्स, गौतम, पराशर, गर्ग, अत्रि, भृगडत्र अंगिरा, श्रंृगी, कात्यायन और याज्ञवल्क्य। इन नामांेसे सोलह-सोलह पुत्र जाने जाते हैं। मुख्य 10 प्रकार ब्राम्हणों ये हैं-
(1) तैलंगा (2) महार्राष्ट्रा (3) गुर्जर, (4) द्रविड (5) कर्णटिका यह पांच द्रविण कहे जाते हैं, ये विन्ध्यांचल के दक्षिण में पाय जाते हैं तथा विंध्यांचल के उत्तर मंे पाये जाने वाले या वास करने वाले ब्राम्हण (1) सारस्वत (2) कान्यकुब्ज (3) गौड़ (4) मैथिल (5) उत्कलये उत्तर के पंच गौड़ कहे जाते हैं। वैसे ब्राम्हण अनेक हैं जिनका वर्णन आगे लिखा है। ऐसी संख्या मुख्य 115 की है। शाखा भेद अनेक हैं । इनके अलावा संकर जाति ब्राम्हण अनेक है । यहां मिली जुली उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हणों की नामावली 115 की दे रहा हूं। जो एक से दो और 2 से 5 और 5 से 10 और 10 से 84 भेद हुए हैं, फिर उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हण की संख्या शाखा भेद से 230 के लगभग हैं तथा और भी शाखा भेद हुए हैं, जो लगभग 300 के करीब ब्राम्हण भेदों की संख्या का लेखा पाया गया है।
उत्तर व दक्षिणी ब्राम्हणांे के भेद इस प्रकार है
81 ब्राम्हाणांे की 31 शाखा कुल 115 ब्राम्हण संख्या (1) गौड़ ब्राम्हण (2)मालवी गौड़ ब्राम्हण (3) श्री गौड़ ब्राम्हण (4) गंगापुत्र गौडत्र ब्राम्हण (5) हरियाणा गौड़ ब्राम्हण (6) वशिष्ठ गौड़ ब्राम्हण (7) शोरथ गौड ब्राम्हण (8) दालभ्य गौड़ ब्राम्हण (9) सुखसेन गौड़ ब्राम्हण (10) भटनागर गौड़ ब्राम्हण (11) सूरजध्वज गौड ब्राम्हण (षोभर) (12) मथुरा के चौबे ब्राम्हण (13) वाल्मीकि ब्राम्हण (14) रायकवाल ब्राम्हण (15) गोमित्र ब्राम्हण (16) दायमा ब्राम्हण (17) सारस्वत ब्राम्हण (18) मैथल ब्राम्हण (19) कान्यकुब्ज ब्राम्हण (20) उत्कल ब्राम्हण (21) सरवरिया ब्राम्हण (22) पराशर ब्राम्हण (23) सनोडिया या सनाड्य (24)मित्र गौड़ ब्राम्हण (25) कपिल ब्राम्हण (26) तलाजिये ब्राम्हण (27) खेटुुवे ब्राम्हण (28) नारदी ब्राम्हण (29) चन्द्रसर ब्राम्हण (30)वलादरे ब्राम्हण (31) गयावाल ब्राम्हण (32) ओडये ब्राम्हण (33) आभीर ब्राम्हण (34) पल्लीवास ब्राम्हण (35) लेटवास ब्राम्हण (36) सोमपुरा ब्राम्हण (37) काबोद सिद्धि ब्राम्हण (38) नदोर्या ब्राम्हण (39) भारती ब्राम्हण (40) पुश्करर्णी ब्राम्हण (41) गरुड़ गलिया ब्राम्हण (42) भार्गव ब्राम्हण (43) नार्मदीय ब्राम्हण (44) नन्दवाण ब्राम्हण (45) मैत्रयणी ब्राम्हण (46) अभिल्ल ब्राम्हण (47) मध्यान्दिनीय ब्राम्हण (48) टोलक ब्राम्हण (49) श्रीमाली ब्राम्हण (50) पोरवाल बनिये ब्राम्हण (51) श्रीमाली वैष्य ब्राम्हण (52) तांगड़ ब्राम्हण (53) सिंध ब्राम्हण (54) त्रिवेदी म्होड ब्राम्हण (55) इग्यर्शण ब्राम्हण (56) धनोजा म्होड ब्राम्हण (57) गौभुज ब्राम्हण (58) अट्टालजर ब्राम्हण (59) मधुकर ब्राम्हण (60) मंडलपुरवासी ब्राम्हण (61) खड़ायते ब्राम्हण (62) बाजरखेड़ा वाल ब्राम्हण (63) भीतरखेड़ा वाल ब्राम्हण (64) लाढवनिये ब्राम्हण (65) झारोला ब्राम्हण (66) अंतरदेवी ब्राम्हण (67) गालव ब्राम्हण (68) गिरनारे ब्राम्हण (69) गुग्गुले ब्राम्हण (70) मेरठवाल ब्राम्हण (71) जाम्बु ब्राम्हण (72) वाइड़ा ब्राम्हण (73) कड़ोल ब्राम्हण (74) ओदुवे या दुवे (75) वटमूल ब्राम्हण (76) श्रृंगालभाट ब्राम्हण (77) गौतम ब्राम्हण (78) पाल ब्राम्हण (79) सोताले ब्राम्हण (80) सिरापतन मोताल ब्राम्हण (81) महाराणा ब्राम्हण (82) चितपाक ब्राम्हण (83) कराश्ट ब्राम्हण (84) त्रिहोत्री या अग्निहोत्री ब्राम्हण (85) दशगोत्री ब्राम्हण (86) द्वात्रिदश ब्राम्हण (87) पन्तिय ग्राम ब्राम्हण (88) मिथिनहार ब्राम्हण (89) सौराष्ट्र ब्राम्हण (90) हेव ब्राम्हण (91) केरल ब्राम्हण (92) तुलव ब्राम्हण (93) नेतरु ब्राम्हण (94) यवराद्र ब्राम्हण (95) कंदाव ब्राम्हण (96) कोढ़व ब्राम्हण (97) शिविल्ली ब्राम्हण (98) शिविल्ली ब्राम्हण (99) दशावाल ब्राम्हण (100) भटमेवाड़े ब्राम्हण (101) तिवारी मेवाड़े ब्राम्हण (102) चौरासी या चौरसिया ब्राम्हण (103) नागर ब्राम्हण ब्राम्हण (104) वड़नागर ब्राम्हण (105) चितौड़े नागर ब्राम्हण (106) प्रष्नोरे ब्राम्हण (107) भारड़ नागर ब्राम्हण (108) विसनागर ब्राम्हण (109) साठोदरे ब्राम्हण (110) त्यागी ब्राम्हण (111) कर्णाटक ब्राम्हण (112) तैलगू ब्राम्हण (113) द्रविण ब्राम्हण (114) गुर्जर ब्राम्हण (115) महाराष्ट्रा ब्राम्हण।

38 comments:

  1. ब्राह्मण उत्पत्ति मार्तण्ड की भी जानकारी प्रस्तुत करें।
    बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने।

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  2. Pandit ji aap k anusar shukla upadhyay mishra anek brahman pahale aye to enka gotra alag alag Kyo hai jab ki ye sari santane ek hi ma bap se paida huye hai

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    1. Gotra ka nirdhar aapki pushteni log un guruon ko manate aye hai our unhi gotra vicharon ka palan karte aye hai... hala ke aaj ki peedhi ko Gotra ki pehchan nahi hai...

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  3. 116. डाकोत ब्राह्मण ..ये भृगु कुल मे शूक्रा चार्य वंशज डाम्रा चार्य उर्फ डक ऋषि के कुल मे आते है .

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  4. डाकोत ब्राहम्णो के 36गोत्र होते है .

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  5. Kaha ko Kahe phalan jat Jat ka vilay ho sabka sathe sabka vikas

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  6. Please send.your mobile no I want contact with u regard above matter

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  7. Please send.your mobile no I want contact with u regard above matter
    My mob. Number 9827439112

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  8. Pls give details of moouns gotra kuldevi details,9512948555

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  9. Suklaji,we required this book ,pls give address or source,

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  10. आर्य ब्रह्मण बिदेशी ईरान ईराक के रहने वाले है

    भारत के मूलनिवासी नही है

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    1. भगवान राम गुरु वसिष्ठ ब्राहमण थे तो क्या भारत के नहीं थे शर्म करो ब्राहमणो को विदेशी बताने वालों

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    2. अपना ज्ञान अपने पास ही रहने दो।
      तुम लोगों के अनुसार तो दुनिया भर के पूर्वज आदिवासी थे।
      तुम लोगो मे आज भी ज्ञान का अभाव है। जो अपना नाम तक ठीक से लिख नहीं पाते थे वो क्या भारत के पौराणिक साहित्य का सर्जन कर सकते थे??

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    3. बिल्कुल गलत व्यख्या है।

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  11. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया मे लिखा है कि आर्य विदेशी है ब्राह्मण बिदेशी है

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    1. गलत है नेहरू जी कोई ब्राहमणो के ज्ञाता नही थे

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    2. जवाहर लाल नेहरू ब्राह्मण नहीं था। वो तो मुसलमान गाज़ी कहां की औलाद था।
      मोतीलाल ने धर्म परिवर्तन कभी किया ही नहीं।
      ऐसे ही नाम बदल दिया।

      वर्ना कैलाश मानसरोवर जो कि सनातनियों कि आस्था का केंद्र है उसे ऐसे ही चीनियों को नहीं दे देता।
      इसलिए चुप कर

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  12. Brahmin Gotra nice concep in gotra vali...keep growing with good work

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  13. अथर्ववेदीयब्राहम्ण कहाँ मिलते हैं उनकी वंशावली क्या है

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    1. क्या आप जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं

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  14. You are doing awesome work and giving important information. Every member of brahmical society must know this.

    Regards,

    Ram Nivas Kumar, the Author
    Writer of Educational Books
    (12 published, 3 under publication)
    Nalanda, Bihar, India

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  15. Eske anusar goswmi brambhan kha gaye

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  16. मिथिनहार ब्राह्मण कहां पाये जाते हैं??

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  17. Chourasia Brahmins k bare me thoda detail me bataya aap ki kripa hogi

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  18. Replies
    1. पंडित जी आप कहां से हैं? मैं भी गर्ग ब्राह्मण हूं। हमारा स्वर्णिम इतिहास है और गौरवशाली वर्तमान भी हजारों वर्षों से हमारा समाज ज्योतिष कर्मकांड में रत है हर ऐतिहासिक एवं जाति संबंधित पुस्तकों में हमारा उल्लेख है। श्रेष्ठ ब्राह्मण थे श्रेष्ठ ब्राह्मण है और श्रेष्ठ ब्राह्मण रहेंगे।

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